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Digital Arrest: ‘डिजिटल अरेस्ट' क्या है और इससे कैसे बचें

Digital Arrest: ‘डिजिटल अरेस्ट’ से सावधान! कहीं आप भी ना हो जाएं इस स्कैम का शिकार

Digital Arrest: आम जनता के साथ धोखाधड़ी करने वाले लोग फ्रॉड करने के नए-नए तरीके निकाल लेते हैं, जिनका भोली-भाली जनता आसानी से शिकार हो जाती है।

लोगों के साथ आए दिन ठगाई के नए-नए मामले देखने को मिलते हैं। कभी स्कैमर्स ओटीपी के जरिए तो कभी अनवेरीफाइड लिंक के जरिए वारदात को अंजाम देते हैं।

लेकिन पिछले कुछ समय से एक नया ही स्कैम चल रहा है जिसके जरिए ठग गैंग लोगों के साथ लाखों-करोड़ों की धोखाधड़ी कर उन्हें ठग रहे हैं।

बता दे इस नए स्कैम का नाम ‘Digital Arrest’ है, जिसका शिकार कुछ टाइम पहले एक और महिला हुई है।

इंदौर की महिला हुई डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) का शिकार

दरअसल मध्य प्रदेश के इंदौर में साइबर अपराधियों ने एक नए तरह के धोखे को अंजाम दिया है, जिसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।

इस धोखे में ठगों ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का अधिकारी बताकर एक 65 वर्षीय महिला को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने का झांसा दिया और उनसे 46 लाख रुपये ठग लिए।

क्या है डिजिटल अरेस्ट? | What is Digital Arrest in Hindi

डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध का एक नया तरीका है। इसमें ठग पीड़ितों को फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से धमकाते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनके खिलाफ कोई अपराध हुआ है।

इसके बाद वे पीड़ितों को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार करने का झांसा देते हैं और उनसे पैसे मांगते हैं।

इस दौरान अपराधी खुद की पहचान पुलिस, CBI या ऐसे ही किसी विभाग का अधिकारी के रूप में करवाते हैं।

इनका हुलिया और बात करने का तरीका भी वैसा ही होता है, जिस वजह से आम जनता इनकी बातों में फंस जाती है और फिर यह लोग पूरी प्लानिंग के साथ डिजिटल अरेस्ट अपराध को अंजाम देते हैं।

कैसे हुआ यह धोखा?

पीड़ित महिला ने अपने साथ हुए साइबर क्राइम की खबर पुलिस थाने में दी। इस दौरान महिला ने पुलिस अधिकारियों से बताया कि उनके पास एक फोन आया, जिसमें जालसाज ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया।

जालसाज ने फोन पर कहा कि किसी शख्स ने उनके बैंक खाते का उपयोग ड्रग्स की खरीद-फरोख्त, मनी लांड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में किया गया है और इस शख्स से मिलीभगत के चलते उनके खिलाफ भी गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है।

पीड़ित महिला ने आगे बताया कि इसके बाद उन्होंने एक वीडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा और फिर उनसे वीडियो कॉल पर बात की और वीडियो कॉल के जरिए ही उसे ‘ डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया और अगले 5 दिनों तक लगातार पूछताछ करते रहे।

इस पूछताछ के दौरान उन्होंने महिला को धमकाया और उनके बताए गए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा।

जालसाज ने उन्हें धमकाते हुए कहा अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें और उनके परिवार को जान से मार दिया जाएगा।

इसे सुनकर महिला पूरी तरह का घबरा गई और डर के मारे ठगों को 46 लाख रुपये दे दिए। ये पैसे अपराधियों ने कई अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए।

इसके बाद जब महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है तो उसने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और Digital Arrest को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने में जुट गई है।

डिजिटल अरेस्ट से बचने का तरीका

बता दे डिजिटल अरेस्ट स्कैम काफी तेजी से फैल रहा है। यह पहला केस नहीं है जिसमें किसी महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उसे ठगा गया हो।

इससे पहले भी ऐसे कई के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें स्कैमर्स खुद को कोई बड़ा अधिकारी बताकर वारदात को अंजाम देते हैं।

यदि आप इस डिजिटल अपराध से बचना चाहते हैं तो हमारे द्वारा नीचे दी जा रही जानकारी को हमेशा संज्ञान में रखें…

अज्ञात नंबरों से आने वाली फोन काल्स का जवाब न दें

अगर आपको कोई अज्ञात नंबर से कॉल आता है और खुद को पुलिस या किसी सरकारी अधिकारी बताता है और आपकी किसी गलती को सुधारने के लिए पैसे देने के लिए कहता है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि कोई भी सरकारी अधिकारी ऐसे पैसे नहीं मांग सकता।

व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें

किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार कार्ड डीटेल्स, क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल्स या ओटीपी आदि साझा न करें।

साथ ही अगर आप पेमेंट करते हैं तो ध्यान रहे ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए हमेशा सुरक्षित ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल करना चाहिए।

अगर आपको लगता है कि आपके साथ कोई फ्रॉड हो रहा है तो तुरंत पुलिस या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से संपर्क करना चाहिए।

Important Points

डिजिटल अरेस्ट एक नया और खतरनाक साइबर अपराध है, जिसके जरिए ठग पीड़ितों को डराकर और धमकाकर उनसे पैसे ठगते हैं, इसलिए हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए।

यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है:-

  • बता दें डिजिटल अरेस्ट बुजुर्ग लोग साइबर अपराधों के सबसे आसान शिकार होते हैं।
  • हमें अपने बुजुर्गों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक करना चाहिए।
  • पुलिस को साइबर अपराधों से निपटने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने चाहिए।
  • पुलिस, सीबीआई, ईडी, जज आपको वीडियो कॉल की मदद से अरेस्ट नहीं कर सकते।
  • हम सभी को मिलकर साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना होगा।

Conclusion

दोस्तो साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और ठग नए-नए तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।

इसलिए हम सभी को सावधान और जागरूक रहने की जरूरत है। यह मामले बताते हैं कि साइबर क्राइम कितने खतरनाक हो सकते हैं।

साइबर क्राइम के खिलाफ सरकार भी लगातार बड़े कदम उठा रही है, इसके साथ ही हमें भी इसके लिए जागरूक होना होगा और अन्य लोगों को भी इससे जागरूक करना होगा।

हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें ताकि हर किसी को Digital Arrest के बारे में पता चल सके और वह इस तरह के कभी भी घोटाले का शिकार ना बने।

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